जन-जन की पुकार
मोदी संग बिहार
लोगों ने प्रण लिया है
आप भी अभियान से जुड़ें
नए बिहार में भागीदार बनें
मोदी संग बिहार से जुड़ें
वालंटियर के रूप में जुड़ें
आपका मोबाइल नंबर पहले से पंजीकृत है
15 लाख से अधिक घर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मंजूर किए गए।
4 करोड़ से अधिक जनधन खाते बिहार में खोले गए।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत 85 लाख एलपीजी कनेक्शन दिए गए।
आयुष्मान भारत योजना से 1 करोड़ से अधिक परिवारों को चिकित्सा सुविधा मिली।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 30,000 किलोमीटर से अधिक ग्रामीण सड़कों का निर्माण हुआ।
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) के तहत 10 लाख से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया गया।
बिहार में 90 से अधिक अटल टिंकरिंग लैब्स की स्थापना की गई।
मुद्रा योजना के तहत 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक के ऋण दिए गए।
डिजिटल इंडिया अभियान के तहत 2 करोड़ से अधिक युवाओं को डिजिटल साक्षरता में प्रशिक्षित किया गया।
स्टार्टअप इंडिया के तहत 15,000 से अधिक स्टार्टअप्स को समर्थन मिला।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से 85 लाख से अधिक किसानों को लाभ मिला।
मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के तहत 1 करोड़ से अधिक कार्ड वितरित किए गए।
किसान क्रेडिट कार्ड योजना से 70 लाख से अधिक किसानों को ऋण मिला।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से 20 लाख से अधिक किसानों की फसल का बीमा किया गया।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना से 1.5 लाख हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई सुविधा प्रदान की गई।
महिला पुलिस वालंटियर योजना के तहत 10,000 से अधिक महिला वालंटियर नियुक्त की गईं।
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना के तहत 38 जिलों में जागरूकता अभियान चलाए गए।
वन स्टॉप सेंटर योजना के तहत 38 सेंटर स्थापित किए गए, जिससे 20,000 से अधिक महिलाओं को सहायता मिली।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना से 85 लाख महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार हुआ।
महिला हेल्पलाइन (181) ने 1 लाख से अधिक कॉल्स प्राप्त कीं।
पटना मेट्रो परियोजना की कुल लंबाई 32.5 किलोमीटर है।
गंगा नदी पर 6-लेन केबल पुल का निर्माण हो रहा है।
सिटी गैस वितरण परियोजना के तहत 5 जिलों में गैस आपूर्ति प्रणाली विकसित की गई।
राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं में ₹18,100 करोड़ से अधिक का निवेश किया गया।
नमामि गंगे परियोजना के तहत ₹2,190 करोड़ की 12 परियोजनाएँ शुरू की गईं।
पटना शहर का ऐतिहासिक महत्व है। पटना संसार के गिने-चुने उन विशेष प्राचीन नगरों में से एक है जो अति प्राचीन काल से आज तक आबाद है। ईसा पूर्व मेगास्थनीज(350 ईपू-290 ईपू) ने अपने भारत भ्रमण के पश्चात लिखी अपनी पुस्तक इंडिका में इस नगर का उल्लेख किया है।